#दमोह_से_नागपुर_प्रतिदिन
सुपरफास्ट एक्सप्रेस चलना ही चाहिये ,
पूरे बुंदेलखंड को सुभिदा मिलनी ही चाहिये ,
#रोगी_बीमारों_मरीजो_की_मदद_होनी
ही चाहिये,
अपना अपना सर्वजन प्रयास कीजिये एक जन आवाज बनाइये और बनिये,सफलता निश्चित मिलकर रहेगी 🙏✍️
#जय_बुंदेलखंड #अजेय_बुंदेलखंड #हमारा_हम_सबका_अपना_बुन्देलखंड
#दमोह_से_नागपुर_प्रतिदिन_सुपरफास्ट_एक्सप्रेस_ट्रेन चलाना है
रोगी-बीमार मरीजो को सुभिदा दिलवाना है ......
जब जब दमोह जगा है,तब तब कुछ नया हुआ है,जागिये और जगाइये , जरा याद कीजिये हमे कैसे दमोह-भोपाल राज्यरानी एक्सप्रेस मिली थी,
दमोह मे हुआ था रेल रोको आन्दोलन ,तब जाके कष्ट से छुटकारा मिला था,
रेवांचल रीवा से ही भरी आती थी,दमोह.पथरिया,सागर के लोगो को पूरी-पूरी रात खड़े होकर भोपाल जाना आना पड़ता था,
भोपाल-बिलासपुर पैसिंजर एक्सप्रेस में पूरे दिन की आहूति देनी पडती थी,
मेरे दोस्तों कुछ किये बगेर जय जय कार नही होती कोशिस करने वालो की हार नही होती,मेरे प्यारे दोस्तों, भाइयो और साथियों अभी नही तो कभी नही ..
बुंदेलखंड के लोगो की एक खास बात है,
आदमी पेट में भले ही कम खायेगा लेकिन अपने बूड़े माँ-बाप का इलाज अच्छे से अच्छी जगह करायेगा .
ऐसा ही बाकया में आपको बताना चाहूगा,कि..
एक बूड़ी माँ को दमोह के हटा का एक व्यक्ति जिसके पास इतने भी पैसे नही थे ,कि वो बस में अपनी माँ के लिये बर्थ ले सके दोनों माँ बेटे नीचे बैठे हुये थे,दमोह से नागपुर जा रही थी,वह बूड़ी माँ गम्भीर रूप से बीमार थी, हाथ मे बाटल चडी हुई थी,जैसे ही बस जबलपुर से आगे नागपुर रोड पर आगे बड़ी तभी बस लम्बे ट्रेफिक जाम में फस गई,एक तो बरसात का मौसम ऊपर से ये ट्रेफिक जाम ,बूड़ी माँ को नीचे उतरना था,लेकिन बीमार इमरजेंसी में क्या करे बेचारे ,
मुझे पता चला कि ऐसी ह्र्दय विदारक घटनाएं एक बार नही कई बार होती है,और होती रहती है,
सम्पूर्ण बुंदेलखंड की आम जनता रोगी बीमार मरीज वेहद परेशान है ,
ये परेशानी आज हम सब मिलकर नही समझेगे तो कौन समझेगा,
आज वर्तमान में पूरे बुंदेलखंड में अच्छे सर्व सुभिदा युक्त अस्पताल नही है,बुंदेलखंड के अस्पतालों में इमरजेंसी एक्ससीडेंट को सही तरह ठीक करने की क्षमता नही है ,लोग अपने प्राण त्याग देते है, बीमारी की बजय से......
मै आपसे पूछना चाहता हूँ,कि क्रपया कर ये बताये कि -
आज बुंदेलखंड की हालत यह है ह्रदयाघात के रोगी हो या फिर लीवर के मरीज हो या कैंसर के मरीज आखिर कहा जाये ? कैसे जाये ?
देश में चिकित्सा पर खर्च होने वाला सवसे ज्यादा बजट केवल महानगरो पर होता है, भारत देश का सबसे पिछड़ा क्षेत्र बुंदेलखंड आजादी के 70 साल बाद भी चिकित्सा सुभिदाओ से महरूम है,
देखिये मै आपको बताना चाहता हूँ, ये कैसा पक्षपात हो रहा है,देश के कई राज्यों मे तीसरे- तीसरे एम्स की घोषणाएं हो चुकी है,काम भी शुरू हो गया है ,लेकिन मध्यप्रदेश के बुन्देलखंड की जनता की किसी को कोई खवर ही नही है,होगी भी क्यों और कैसे ?
आज बुन्देलखंड में दमोह को एम्स की जरूरत है ,ये कौन समझेगा कौन समझाएगा ?कौन सुभिदा दिलवाएगा ?
ये भविष्य के गर्त में है.बुंदेलखंड और दमोह मे एम्स अस्ताल को स्थापित करने की मांग हमारी समिति लगातार उचित पटल पर रखती रहेगी ,
लेकिन अभी तो तात्कालिक समस्या है,रेल सुभिदा ...की है .
नई ट्रेन दमोह से नागपुर प्रतिदिन सुपरफास्ट एक्सप्रेस चलाई जाना ,
जोकि माननीय भारत सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिये,
दमोह से नागपुर प्रतिदिन सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन को
श्री जागेश्वरनाथ महासंजीवनी के नाम से चलाई जाये तो अच्छा रहेगा,
इस नई ट्रेन के लिये मध्यप्रदेश के माननीय जनप्रतिनिधियों को संकल्पित होकर पूरे मन से प्रयास करना होगा,
आज और अभी से पूरे मन से सर्व जन हित में सर्वजन कल्याण में एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा,अब समय आ चुका है,कुछ करना होगा,इतिहास रचना होगा
दमोह से नागपुर प्रतिदिन सुपरफास्ट एक्सप्रेस बुंदेलखंड बासियो को मिलकर रहेगी,ये मेरा और हमारा हम सबका पवित्र संकल्प है,
#जय_बुंदेलखंड #अजेय_बुंदेलखंड #हमारा_हम_सबका_अपना_बुन्देलखंड.......
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